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उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय सूचना का अधिकार (फीस और लागत विनियमन) नियम, २००७
सूचना का अधिकार अधिनियम, २००५ (अधिनियम संख्या २२, सन २००५) की धारा २८ द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके अध्यक्ष, विधान सभा, उत्तर प्रदेश निम्नलिखित नियम बनाते हैः-
- कोई व्यक्ति, जो उक्त अधिनियम के अधीन विहित किसी सूचना के निमित्त पहुंच रखना चाहता हो, अपने सम्पर्क दूरभाष संख्या, यदि कोई हो, निरीक्षण हेतु विहित शुल्क के भुगतान का प्रमाण-पत्र या गरीबी-रेखा के नीचे के परिवार का अपने सदस्य होने के प्रमाण सहित आवेदक का नाम और पता तथा सूचना के विवरण, जिसके लिए वह पहुंच बनाना चाहता हो, का उल्लेख करते हुए राज्य जन सूचना अधिकारी को आवेदन करेगा।
- राज्य जन सूचना अधिकारी अधिनियम के अन्तर्गत निवेदन के प्राप्त होने पर उसकी प्राप्ति की तिथि के तीस दिन के भीतर या तो मांगी गई सूचना को एतदर्थ निर्धारित शुल्क के संदाय पर प्रेषित करेगा या उक्त अधिनियम की धारा ८ या ९ में विनिर्दिष्ट किसी भी कारण से उसे नामंजूर कर सकेगा।
- राज्य जन सूचना अधिकारी उक्त अधिनियम के अन्तर्गत अपने उत्तरदायित्वों के समुचित निर्वहन हेतु किसी अन्य अधिकारी/अधिकारियों की सहायता प्राप्त कर सकता है।
- राज्य जन सूचना अधिकारी उक्त अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन-पत्रों को व्यवहृत करेगा एवं आवेदकों की यथोचित सहायता भी करेगा।
- यदि निवेदित सूचना किसी अन्य लोक प्राधिकारी से सम्बन्धित हो तो तत्सम्बन्धी निवेदन उस लोक प्राधिकारी को इस अनुरोध के साथ अन्तरित कर दिया जायेगा कि वह वांछित सूचना या उसके सम्बन्धित अंश को आवेदक को उपलब्ध करायें और आवेदक को उक्त अन्तरण के सम्बन्ध में सूचित कर दिया जायेगा। इस प्रकार का अन्तरण आवेदन पत्र प्राप्त होने के पांच दिनों के भीतर किया जायेगा।
- इस अधिनियम में किसी बात के होते हुए भी, किसी भी आवेदक को ऐसी सूचना दिये जाने की बाध्यता नहीं होगी जिसका प्रकटीकरण उत्तर प्रदेश विधान सभा के विशेषाधिकार का हनन हो। इस सम्बन्ध में अध्यक्ष, विधान सभा, उत्तर प्रदेश का निर्णय अन्तिम होगा।
- मांगी गई सूचना उस दशा में भी देने से इंकार किया जा सकेगा यदि अनुरोध-पत्र में प्रयुक्त भाषा उत्तर प्रदेश विधान सभा की प्रतिष्ठा या गरिमा के प्रतिकूल हो।
- इन नियमों में अन्यथा उपबन्धित होने के बावजूद भी आवेदक को वांछित सूचना उसी दशा में दी जायेगी जब आवेदन-पत्र से ऐसा प्रतीत हो कि मांगी गई सूचना सदाशय से मांगी गई है और उसमें कोई कदाशय ध्वनित नहीं हो रहा है।
- मांगी गई सूचना तभी दी जायगी जब वह अधिनियम के प्राविधानों से आच्छादित हो।
hi/rules/up/assembly.1441330105.txt.gz · Last modified: 2015/09/04 01:28 by Shrawan