सूचना का अधिकार अधिनियम, २००५ (अधिनियम संख्या २२, सन २००५)1) की धारा २८ द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके अध्यक्ष, विधान सभा, उत्तर प्रदेश निम्नलिखित नियम बनाते हैः-
धारा-६ की उपधारा (१) के अन्तर्गत सूचना अभिप्राप्त करने के लिए किये गये अनुरोध के साथ रूपये 500.00 (रूपये पांच सौ) का आवेदन शुल्क भी भेजा जायेगा जो समुचित रसीद के बदले नगद के रूप में या डिमान्ड ड्राफ्ट या बैंकर्स चेक के रूप में होगा और जो आहरण एवं वितरण अधिकारी, विधान सभा सचिवालय, उत्तर प्रदेश के नाम देय होगा।
शुल्क की धनराशि निम्नलिखित लेखा शीर्षक के अन्तर्गत जमा की जायेगीः-
“००७०-अन्य प्रशासनिक सेवायें-६०-अन्य सेवायें- ८००-अन्य प्राप्तियां-११-सूचना का अधिकार अधिनियम, २००५ के क्रियान्वयन से प्राप्त शुल्क”। 5-क- प्रत्येक आवेदन-पत्र द्वारा केवल एक बिन्दु पर ही सूचना मांगी जाएगी।2)
यदि आवेदन पत्र में किया गया अनुरोध स्वीकार कर लिया जाए तो अधिनियम की धारा ७ की उपधारा (१) के अधीन सूचना उपलब्ध कराने के लिये निम्नलिखित दर पर अतिरिक्त शुल्क प्रभारित किया जायेगाः-
(1) तैयार किये गये या प्रतिलिपि किये गये प्रत्येक कागज (ए-४ अथवा ए-३ आकार के) के लिये पन्द्रह रूपये,
(2) बड़े आकार के कागज में किसी प्रतिलपि के लिये पन्द्रह रूपये के अतिरिक्त उसका वास्तविक प्रभार या लागत कीमत,
(3) नमूनों या माडलों के लिए पन्द्रह रूपये के अतिरिक्त उसकी वास्तविक लागत या कीमत, और
(4) अभिलेखों के निरीक्षण के लिये प्रथम घण्टे के लिए पचास रूपये का शुल्क और तत्पश्चात् प्रत्येक पन्द्रह मिनट (या उसके आंशिक भाग) के लिये दस रूपये का शुल्क।
उक्त अधिनियम की धारा- ७ की उपधारा (5) के अधीन सूचना प्रदान करने के लिये शुल्क निम्नलिखित दर पर जो समुचित रसीद के बदले नगद के रूप में या डिमाण्ड ड्राफ्ट या बैंकर्स चेक के रूप में होगा और जो आहरण एवं वितरण अधिकारी, विधान सभा सचिवालय के नाम में देय होगा, प्रभारित किया जायगाः-
(क) डिस्केट अथवा फ्लापी अथवा कम्पैक्ट डिस्क में सूचना उपलब्ध कराने के लिये प्रति डिस्केट अथवा फ्लापी अथवा कम्पैक्ट डिस्क, पन्द्रह रूपये के अतिरक्त पचास रूपये, और
(ख) मु्द्रित प्रारूप में दी गई सूचना के लिये, ऐसे प्रकाशन के लिये नियत मूल्य पर अथवा ऐसे प्रकाशन से उद्धरणों की छायाप्रति की प्रति पृष्ठ के लिये पन्द्रह रूपये।
मानचित्र और रेखाचित्रों आदि के मामलों में श्रम और सामग्री में लगाये जाने में अपेक्षित लागत के आधार पर प्रत्येक मामले में शुल्क राज्य जन सूचना अधिकारी के द्वारा नियत किया जायेगा।
९- आवेदक द्वारा आवेदन पत्र में मांगी गयी सूचना इस प्रकार सुतथ्यतः उल्लिखित की जायगी जिससे वह पूणर्तया बोधगम्य हो अन्यथा ऐसी सूचना उपलब्ध कराया जाना बाध्यकारी नहीं होगा।
१०- कोई आवेदक जो उक्त अधिनियम के अन्तर्गत सूचना चाहता हो राज्य जन सूचना अधिकारी को आवेदन-पत्र हिन्दी या अंग्रेजी भाषा में देगा।
११- यदि वांछित सूचना भेजने हेतु अतिरिक्त शुल्क आवश्यक हो तो राज्य जन सूचना अधिकारी तत्सम्बन्धी गणना सूचित करते हुए आवेदक से यह अनुरोध करेगा कि आवेदक द्वारा उक्त अतिरिक्त शुल्क जमा किया जाय और इस प्रकार राज्य जन सूचना अधिकारी द्वारा आवेदक को सूचना भेजने की तिथि एवं अतिरिक्त शुल्क जमा होने की तिथि के मध्य की अवधि एतदर्थ निर्धारित तीस दिन की अवधि में आगणित नहीं की जायेगी।
१२- यदि आवेदन-पत्र में मांगी गयी किसी सूचना से सम्बन्धित अभिलेख देखने के लिये अनुमति दी जाय तो उस सम्बन्ध में आवेदक को निम्नलिखित सूचना भेजी जायेगी कि –
(क) वांछित सूचना में से केवल संगत अंश ही देखे जा सकते हैं जिनको इस प्रकार देखने हेतु छूट है,
(ख) वे कारण जिनके आधार पर वांछित सूचना को आंशिक रूप से दिखाये जाने का निर्णय लिया गया है,
(ग) उस व्यक्ति का नाम जिसने इस सम्बन्ध में निर्णय लिया हो, और
(घ) शुल्क की धनराशि और उसे आगणित किये जाने सम्बन्धी गणना।
१३- यदि किसी आवेदक को उसके द्वारा मांगी गयी सूचना के सम्बन्ध में कोई जानकारी एतदर्थ निर्धारित अवधि के भीतर प्राप्त नहीं होती है या उसके द्वारा दिये गये आवेदन-पत्र के अस्वीकार हो जाने के निर्णय की सूचना उसे प्राप्त होती है तो वह अपीलीय अधिकारी को अधिनियम में निर्धारित अवधि की समाप्ति के उपरान्त से तीस दिन के भीतर इस हेतु अपील कर सकता है।